नीमच। मनासा पुलिस द्वारा डोडाचूरा के मामले में एक निर्दोष विकलांग युवक को फंसाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने लेन—देन कर तीन व्यक्तियों से तीन—तीन लाख रूपए लिए और उन्हें छोड दिया। एक विकलांग युवक से पैसे की मांग की गई, नहीं दिए तो उसे एनडीपीएस एक्ट की धारा 29 के तहत मुलजिम बना दिया। इस मामले को लेकर बंजारा समाज में आक्रोश है। अखिल भारतीय बंजारा रूप सेना के बैनर तले मंगलवार को अतिरिक्त् पुलिस अधीक्षक सुंदरसिंह कनेश को ज्ञापन सौंपा और दोषी टीआई केएल डांगी सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि मनासा थाना पुलिस द्वारा एनडीपीएस एक्ट के मामले में निर्दौष लोगों को फंसा रही है और जो तस्कर डोडाचूरा के मामले में संलिप्त् है, उनसे पैसे लेकर छोडा जा रहा है। दिनांक 17 जुलाई को मनासा पुलिस ने 25किलो डोडाचूरा के साथ आरोपी तुफान पिता मन्नालाल बंजारा, मन्नालाल बंजारा निवासी पिपलिया व्यास और शैतान पिता दल्ला बंजारा निवासी भैसाखेडा को पकडा था, पुलिस ने शैतान और मन्नालाल बंजारा को तीन—तीन लाख रूपए लेकर छोड दिया, इसके बाद पप्पू पिता चंदा बंजारा निवासी डंडेरी वाले को भी बाद में पकडा और इससे भी तीन लाख रूपए लिए। इस मामले में तीन लोगों को छोड दिया और दिनेश पिता कंवरलाल बंजारा निवासी पिपलियाव्यास जो कि विकलांग है, उसे धारा 29 में आरोपी बना दिया। दिनेश बंजारा से तीन लाख रूपए की मांग मनासा थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी विजयसिंह, नरेंद्र मालवीय और गोपालसिंह ने की, नहीं देने पर झूठे केस में फंसा दिया। इस अवसर पर अखिल भारतीय बंजारा रूप सेना संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भारतसिंह खींची, जिलाध्यक्ष गोपाल चंदेल, आर. सागर कच्छावा, नीमच तहसील अध्यक्ष राजीव गरासिया, मदनलाल दायमा, रणसिंह बनवाडिया, अमरसिंह दायमा, कैलाश चंदेल, अर्जुन चावडा, वीरेंद्र चंदेल, कुंदन गरासिया, भेरूसिंंह गरासिया, लवकुश गरासिया मास्टर, लालसिंह कच्छावा, गौतम खींची, सुखलाल चावडा और पीडित के परिजन मौजूद थे।
डोडाचूरा के मामले में मनासा पुलिस ने निर्दोष को फंसाया — बंजारा रूप सेना संगठन में आक्रोश, एएसपी को सौंपा ज्ञापन, टीआई सहित दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग