नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम इण्डिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के आह्वान पर पेंशन विहीन अधिकारी कर्मचारियों ने ट्विटर पर RestoreOldPension अभियान चलाकर अपना विरोध प्रकट किया।
एनएमओपीएस जिला अध्यक्ष जी एस मेहर ने बताया कि केंद्र एवं राज्य शासन ने 2004 के बाद नियुक्त अधिकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बंद कर उसके स्थान पर एनपीएस योजना लागू की है। जिसका संबंध शेयर मार्केट से है शेयर मार्केट में गिरावट आने के कारण हर रोज देशभर के विभिन्न अधिकारी कर्मचारियों को हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है तथा रिटायर होने पर कर्मचारियों को उतनी पेंशन भी नहीं मिल रही कि महीने भर का बिजली का बिल जमा किया जा सके।वर्तमान में ऐसे सैकड़ों अधिकारी कर्मचारी हैं जिन्हें रिटायर होने के बाद N.P.S. के तहत अल्प पेंशन के कारण जीवन यापन करने में कठिनाई हो रही है। हमारे देश के अर्धसैनिक बल जो रात दिन अपनी जान जोखिम में डालकर देश की सेवा करते हैं और कोरोनावरियर्स सरकार ने उन्हें भी पुरानी पेंशन पेंशन से वंचित कर दिया है जबकि माननीय को दो -तीन पेंशन मिल जारी है। इसलिए शासन की इस दोषपूर्ण योजना एनपीएस के विरोध में मध्य प्रदेश में भी प्रांत अध्यक्ष परमानंद डेहरिया के नेतृत्व में प्रदेश के विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारियों ने ट्विटर पर हैश टैग रीस्टोर ओल्ड पेंशन अभियान चलाकर अपना विरोध प्रकट किया।
आज माननीय राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, गृह मंत्री पेंशन कार्मिक मंत्रालय मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं प्रमुख मीडिया संस्थाओं को ऐड करके से अधिक से अधिक ट्वीट किए गए हैं। ट्वीट करने में सम्मिलित हुए हैं शेख मोहम्मद हनीफ वरिष्ठ प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष बहन प्रांतीय महिला प्रकोष्ठ सुषमा खेमसरा, बहन श्रीमती कृष्णा पंचारिया, सुषमा शिवा, मनोहर दांगी, रितेश यादव, जिला संयोजक ईसार अहमद कुरेशी, हरेंद्र खत्री, वाणिज्य विभाग देवेंद्र महेश्वरी, आजाद अध्यापक संघ जिला अध्यक्ष गोकुल सिंह नागदिया, तराना ब्लॉक अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह राठौर, बड़नगर ब्लॉक अध्यक्ष बाबूलाल बागनिया, नागदा खाचरोद प्रभारी अमित शिंदे, उज्जैन शहरी ग्रामीण प्रभारी गोपाल वरुड़कर, सुनीता वर्मा, अब्दुल नफीस खान, रतन गोयल एवं समस्त पेंशन विहीन साथियों ने पेंशन की मांग को लेकर ट्विटर पर ट्वीट किए हैं। शेख मोहम्मद हनीफ प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने बताया कि यदि सरकार 24 विधानसभा के उपचुनाव पर पेंशन बहाली को लेकर विचार नहीं करती है तो कर्मचारियों द्वारा पेंशन आंदोलन को तेज किया जाएगा क्योंकि पेंशन को लेकर कर्मचारियों में बहुत आक्रोश है।