इमरान वतन को बर्बाद करने वाले को शहीद बता रहे, PAK PM फस गए अपने ही जाल में



पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अलकायदा के खतरनाक आतंकी ओसामा बिन लादेन को संसद में शहीद कहकर अपने ही देश के भीतर ही बुरी तरह घिर गए हैं. पाकिस्तान के विपक्षी दल इमरान खान के इस बयान को लेकर उनकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं.








पीएमएल-एन पार्टी के सीनियर नेता ख्वाजा आसिफ ने गुरुवार को संसद में ही लादेन को शहीद करार देने को लेकर इमरान खान को लताड़ लगाई. उन्होंने कहा, "इमरान खान ने ओसामा बिन लादेन को शहीद करार दिया, बिन लादेन आतंकवाद को हमारी जमीन पर लेकर आया, वह एक खतरनाक आतंकी था और प्रधानमंत्री उसे शहीद कह रहे हैं."








पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की प्रवक्ता डॉ. शहबाज गिल ने इस बयान का बचाव करने की कोशिश की. उन्होंने देर रात को किए एक ट्वीट में लिखा कि प्रधानमंत्री ने लादेन के लिए दो बार 'मारा गया' भी इस्तेमाल किया. लेकिन उनके बयान को विवादित बनाने के साफ इरादे से देश और विदेश भर में कोशिशें की जा रही हैं. प्रवक्ता ने आगे लिखा कि इमरान खान की आतंकवाद के खिलाफ प्रतिबद्धता अडिग है.






दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसद में अमेरिका के साथ पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर भाषण दे रहे थे. इमरान खान ने कहा कि अमेरिका को समर्थन देने के बावजूद पाकिस्तान को शर्मिंदगी उठानी पड़ती थी और अफगानिस्तान में अमेरिका की विफलताओं के लिए भी उसे जिम्मेदार ठहराया जाता था. इमरान खान ने कहा, "अमेरिकियों ने एबटाबाद में घुसकर ओसामा को मार दिया, उसे शहीद कर दिया. लेकिन उसके बाद क्या हुआ. पूरी दुनिया में हमें गालियां पड़ीं और हमें बुरा-भला कहा गया.


इमरान खान के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि इमरान खान की टिप्पणी हिंसक चरमपंथ को तुष्टीकरण करने के उनके पुराने इतिहास से मेल खाती है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "उनकी सरकार के दौरान ही आर्मी पब्लिक स्कूल में शामिल रहे आतंकी भाग गए और डेनियल पर्ल की हत्या के आरोपियों को राहत मिली. इमरान खरगोश के साथ दौड़ रहे हैं और शिकारी के साथ शिकार कर रहे हैं. (यानी वह आतंकवाद के साथ भी हैं और उसके खिलाफ लड़ाई लड़ने का दावा भी करते हैं.




पीपीपी चेयरमैन के प्रवक्ता मुस्तफा नवाज खोखर ने भी बयान जारी किया और इमरान खान को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया. उन्होंने कहा, ओसामा बिन लादेन को शहीद कहकर इमरान खान राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ही खतरा बन गए हैं. अगर वह एक शहीद है तो अलकायदा के हमले में शहीद हुए हमारे सैनिक और आम नागरिक को आप क्या दर्जा देंगे? अलकायदा के हमले में हजारों नागरिक और युवा शहीद हो गए.






खोखर ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री युवा पीढ़ी को क्या सिखाने की कोशिश कर रहे हैं. आज संसद में इमरान खान ने खुद को तालिबान खान साबित कर दिया. इमरान खान-तालिबान का गठजोड़ दोनों के बीच हुई मुलाकात से ही जाहिर हो गया था. यही वो शख्स है जिसने तालिबान को पाकिस्तान में अपना दफ्तर खोलने के लिए बुलाया था




पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सांसद शेरी रहमान ने कहा, "पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन की वजह से आतंकी हमलों का पीड़ित था. उसकी वजह से देश इस हालत में है और आप उसे संसद के भीतर हीरो की तरह पेश कर रहे हैं. शेरी ने कहा, इमरान के शब्द इतिहास में नफरत से देखे जाएंगे. लेकिन ये याद रखिए कि ओसामा बिन लादेन पीएम का हीरो हो सकता है लेकिन देश का नहीं. वह देश और लोगों की नजरों में हमेशा एक अपराधी ही रहेगा."






ओसामा बिन लादेन ने 2001 में अमेरिका पर 9/11 का आतंकी हमला कराया था. इस हमले में करीब 3000 अमेरिकियों ने अपनी जान गंवाई थी. 2011 में अमेरिका की नेवी सील्स ने एबटाबाद में सैन्य ऑपरेशन कर ओसामा बिन लादेन को मार गिराया और इस हमले का बदला ले लिया.


हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब इमरान खान ने ओसामा बिन लादेन के लिए नरमी दिखाई है. इससे पहले, एक टीवी इंटरव्यू में भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने ओसामा बिन लादेन को आतंकवादी कहने से इनकार कर दिया था. यहां तक कि इमरान खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन का उदाहरण देते हुए कहा था कि वह ब्रिटेन के लिए आतंकवादी थे जबकि दूसरों के लिए स्वतंत्रता सेनानी थे.पिछले साल, सितंबर महीने में अमेरिकी दौर में इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान ने एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन की मौजूदगी के बारे में अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी दी थी. हालांकि, उन्होंने कहा था कि जब 2 मई, 2011 को अमेरिकी कमांडो ने ओसामा को बिना पाकिस्तान को जानकारी दिए मार गिराया तो उन्होंने बहुत अपमानित महसूस किया. इमरान खान ने कहा था, "अमेरिका हमारा सहयोगी देश था फिर भी उसने (ऑपरेशन के बारे में ना बताकर) हम पर भरोसा नहीं किया. हम फिर इस तरह की ज़िल्लत का फिर कभी सामना नहीं करना चाहेंगे."