पांच हजार करोड़ की संपत्ति पर निर्णय आज

मुजफ्फरनगर में सनातन धर्म डिग्री कॉलेज की 22.7 एकड़ जमीन पर निजी शिक्षण संस्थाओं का निर्माण करने और विद्यालय की जमीन पर एसडी मार्केट का निर्माण किए जाने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं। उन्होंने इस मामले में निर्णय के लिए लखनऊ के लोक भवन के चतुर्थ तल के कक्ष नंबर पांच में शुक्रवार यानि आज दिन में दो बजे बैठक बुलाई है। बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारी बुलाए गए हैं।
शहर के दक्षिणी सिविल लाइन निवासी श्रीकांत त्यागी ने 12 साल पहले शहर के श्रीकांत त्यागी ने मुख्यमंत्री के यहां शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि सनातन धर्म डिग्री कॉलेज की शासन से अनुदानित जमीन पर एसोसिएशन के लोगों ने निजी शिक्षण संस्थाएं खड़ी कर ली है। उस समय एमडीए के वीसी, एडीएम प्रशासन और मंडलायुक्त ने इस मामले की जांच की थी। तमाम जांच होने के बाद यह मामला कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा के यहां लटका हुआ था। कुछ दिन पहले इस मामले को लेकर श्रीकांत त्यागी ने मुख्यमंत्री से मिले थे और उन्हें प्रकरण से अवगत कराया था। 
सीएम ने इस मामले को गंभीरता से लिया और संबंधित विभागों से रिपोर्ट तलब की। बाद में यह पाया गया कि तमाम जांच पहले ही हो चुकी है, अब जांच की आवश्यकता नहीं है, केवल कार्रवाई की जाए। शुक्रवार को होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री ने सचिव उच्च शिक्षा आर रमेश कुमार, विशेष सचिव उच्च शिक्षा मनोज कुमार, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा कृष्णचंद्र, आर्थिक अपराध शाखा के विशेष सचिव, मुख्यमंत्री के तीन सचिव और सचिव बोर्ड ऑफ रैवेन्यू मौजूद रहेंगे। इसी के साथ शिकायकर्ता को भी बैठक में बुलाया गया है।



चार दिसंबर 1954 को मिली थी कॉलेज को जमीन
उत्तर प्रदेश शासन के प्रकाशित गजट में मौजा युसुफपुर की 22.7 एकड़ जमीन सनातन धर्म कॉलेज एसोसिएशन को चार दिसंबर 1954 को मिली थी। यह जमीन कॉलेज के भवन और क्रीडा स्थल के लिए दी गई थी।
इन अफसरों ने की जांच
इस मामले की जांच एमडीए के तत्कालीन वीसी गणेश शंकर त्रिपाठी, तत्कालीन एडीएम प्रशासन सीपी सिंह, एडीएम प्रशासन रहे अमरनाथ उपाध्याय, अपर आयुक्त सहारनपुर मंडल ने की। इन्होंने अपनी रिपोर्ट में पाया कि सनातन धर्म कॉलेज की जमीन पर कॉलेज के भवन और क्रीडा स्थल के अतिरिक्त एसडी मेडिकल इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च सेंटर, एसडी पॉलिटेक्निक, एसडी पब्लिक स्कूल एवं आवासीय भवनों का निर्माण किया गया है।