उज्जैन। अखबारी कागज पर कस्टम इयूटी लगाने और जीएसटी लागू होने से समाचार पत्रों पर आर्थिक बोझ पड़ा है। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2019-20 के आमबजट में अखबारी कागज के आयात पर 10 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगाने का प्रावधान किया है। सरकार शुरू से ही अखबारों में छपने वाले विज्ञापनों पर 5 प्रतिशत जीएसटी व टीवी चैनलों के विज्ञापनों पर 18 प्रतिशत जीएसटी ले रही है। सरकारी विज्ञापनों पर केन्द्र और राज्य सरकारें पहले ही कटौती कर चुकी है। इससे समाचार पत्रों पर आर्थिक बोश बढ़ गया है। कस्टम ड्यूटी समाप्त करने और विज्ञापनों से जीएसटी खत्म करने को लेकर सांसद अनिल फिरोजिया को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इसमें कस्टम ड्यूटी समान करने व विज्ञापनों से जीएसटी समात करने की मांग की गई। इस दौरान श्रमजीवी पत्रकार संघ के कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र पुरोहित, संभागीय अध्यक्ष राजेन्द्र राठौर, संभागीय कोषाध्यक्ष अरुन राठौर, जिला अध्यक्ष रामचन्द्र गिरि, जिला महामंत्री राजेन्द्र अग्रवाल, जिला कोषाध्यक्षा हेमन्त भोपाळे, सतीश गौड़, इंदरसिंह चौधरी, मनीष झाला, मनीष पांडे ,दाश खान, लक्ष्मीनारायण गौड़ उपस्थित थे।
अखबारी कागज पर कस्टम ड्यूटी और जीएसटी के विरोध में सौंपा ज्ञापन