---इन्दौर विकास के दावे बड़े-बड़े,पर हकिकत से परे---
*7 में से 1 भी फ्लाय ओवर ब्रिज बजट में नहीं*
★ खराब वित्तिय स्थिति का बहाना,अब प्रदेश सरकार को केन्द्र से उम्मीद
@ *शैलेन्द्र सिंह पंवार।*
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इन्दौर। प्रदेश सरकार के व्दारा इन्दौर के विकास के दावे तो बड़े बड़े किए जा रहे है, लेकिन ये हकिकत में कितने बदलेंगे, ये आनेवाला समय ही बताएगा। ताजा मामला इन्दौर के सात फ्लाय ओव्हर ब्रिज के निर्माणों से जुडा है। इन सात में से एक को भी बजट में शामिल नहीं किया गया है, इससे हाल -फिलहाल तो ये ठंडे बस्ते में चले गए है। सात में से एक भी फ्लाय ओव्हर ब्रिज को शामिल नहीं किए जाने से इन्दौर के प्रति प्रदेश सरकार की गंभीरता और वित्तिय स्थिति दोनों का भी पता चलता है।
लोक निर्माण विभाग के ब्रिज सेल ने पिछले दिनों इन्दौर के सात फ्लाय ओव्हर ब्रिज के प्रस्ताव (डीपीआर) तैयार किए थे। वैसे तो इन सातों ही प्रस्ताव पर औपचारिक चर्चा भाजपा सरकार के दौरान ही हो गई थी और उसी दौरान प्रस्ताव तैयार करने का काम भी शुरू हो गया था, लेकिन ये तैयार कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हो सके। बताते है सरकार में आने के बाद कांग्रेस ने इन फ्लाय ओव्हर ब्रिज के प्रस्तावों में कुछ संशोधन भी करवाए है। खैर प्रस्ताव तैयार कर विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने समय रहते इनको सीनियर अधिकारियों तक भी पहुंचा दिया, जिससे की प्रदेश सरकार के वर्ष 2019-20 के बजट में इनको शामिल किया जा सके। विभागिय अधिकारियों को उम्मीद थी कि मामला सीधे तौर पर इन्दौर के विकास से जुडा हुआ है, इसलिए सात नहीं तो कम से कम 2 या 3 प्रस्ताव को जरूर बजट में शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बजट में एक भी फ्लाय ओव्हर ब्रिज को शामिल नहीं किया गया है। सूत्र बताते है विभागिय अधिकारियों की इन सातों ब्रिजों को लेकर विभागिय मंत्री सज्जन सिंह वर्मा से चर्चा हो चुकी थी। मंत्री वर्मा ने भी इनमे रूचि दिखाई थी, लेकिन प्रदेश सरकार की वित्तिय स्थिति खराब होने के कारण एक को भी बजट में शामिल नहीं किया जा सका। वैसे इसको प्रदेश सरकार की इन्दौर के विकास के प्रति गंभीरता से भी जोडक़र देखा जा रहा है। विभाग में सुर्खियां है कि इन्दौर का विकास धरातल पर कम और हवा हवाई ज्यादा है।
★ *7 में से 5 रिंग रोड़ पर।*
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सात में से पांच फ्लाय ओव्हर ब्रिज तो अकेले रिंग रोड़ के है, जिस पर यातायात का बहुत ज्यादा ही दबाब रहता है। रिंग रोड़ पर पहले ही यातायात के दबाब को कम करने के लिए दो फ्लाय ओव्हर ब्रिज का निर्माण कार्य प्रगति पर है। बंगाली चौराहा पर लोनिवि व पिपल्याहाना चौराहा पर इन्दौर विकास प्राधिकरण के व्दारा इनका निर्माण किया जा रहा है, इसलिए रिंग रोड़ के पांच में से 2 या 3 ब्रिज को स्वीकृति मिलने की पुरी उम्मीद थी।
★ *गडक़री से चर्चाओं का दौर।*
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प्रदेश सरकार ने अपने बजट में भले ही सात में से एक भी फ्लाय ओव्हर ब्रिज को शामिल नहीं किया है, पर विभागिय मंत्री सज्जन सिंह वर्मा इनके निर्माण को लेकर गंभीर बताए जाते है। वे अब केन्द्रीय निधि के माध्यम से इनकी स्वीकृति के लिए प्रयासरत है। बजट के पुर्व ही इसको लेकर उनकी केन्द्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडक़री से एक दौर की चर्चा हो चुकी है, जिस पर गडक़री ने सकारात्मक रूख भी दिखाया है। विभागिय अधिकारियों की माने तो मंत्री व सीनियर स्तर पर केन्द्रीय मंत्रालय से लगातार चर्चाओं का दौर जारी है, उम्मीद है कि जल्द ही केन्द्रीय निधि से 2 या 3 फ्लाय ओव्हर ब्रिज के निर्माण की स्वीकृति मिल जाएगी। सांसद शंकर लालवानी भी अपने स्तर पर इनके निर्माण के संबंध में केन्द्रीय मंत्री गडक़री के संपर्क में बताए जाते है।।
★ *ये है 7 फ्लाय ओव्हर ब्रिज।*
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- रेडिसन चौराहे पर 6 लेन फ्लाय ओव्हर ब्रिज (एमआर 10)। लंबाई 590 मीटर
- रोबोट चौराहा पर 6 लेन फ्लाई ओव्हर ब्रिज (एमआर 09)। लंबाई 578 मीटर। तकनीकि स्वीकृति 25.8 करोड़। लागत 31.63 करोड़
- खजराना चौराहा पर 6 लेन फ्लाई ओव्हर ब्रिज। लंबाई 546 मीटर। तकनीकि स्वीकृति 23 करोड़। लागत 29.93 करोड़
- मुसाखेडी चौराहा पर 6 लेन फ्लाई ओव्हर ब्रिज। लंबाई 570 मीटर। तकनीकि स्वीकृति 23.37 करोड़। लागत 30.36 करोड़
- आईटी पार्क चौराहे पर 6 लेन फ्लाई ओव्हर ब्रिज। लंबाई 726 मीटर। तकनीकि स्वीकृति 29.62 करोड़। लागत 37.90 करोड़
- विजय नगर चौराहा पर 4 लेन फ्लाई ओव्हर ब्रिज (एमआर 10)। लंबाई 1170 मीटर
- भंवरकुआ चौराहा पर फ्लाई ओव्हर ब्रिज (खंडवा रोड़ से टावर चौराहे के मध्य)। लंबाई 590 मीटर
विशेष- रेडिसन, विजय नगर व भंवरकुआ चौराहा के फ्लाय ओव्हर ब्रिज की डीपीआर तैयार करने का कार्य प्रगति पर है, जबकि शेष चारों ही फ्लाय ओव्हर ब्रिज की डीपीआर पुर्व में तैयार की जा चुकी है।।
■ *क्या कहते है जिम्मेदार।*
- सात में से चार फ्लाय ओव्हर ब्रिज की डीपीआर पुरी तरह से तैयार की जा चुकी है, जबकि तीन की प्रगति पर है। फिर भी विभाग के व्दारा समय रहते सातों ही फ्लाय ओव्हर ब्रिज की ऐसी रिपोर्ट तैयार कर ली गई थी कि इसमे से किसी को भी बजट में शामिल कर स्वीकृति दी जा सकती थी। खैर यह मामला सीनियर स्तर व सरकार का है, हमने प्रस्ताव तैयार कर विभागिय मुख्यालय तक पहुंचा दिए थे। बजट में शामिल करना, नहीं करना,यह सरकार का विषय है। फिर भी उम्मीद थी कि 2 या 3 ब्रिज को बजट में जरूर शामिल कर लिया जाएगा, पर ऐसा नहीं हो सका। वैसे विभागिय मंत्री के साथ ही सीनियर अधिकारी इन्दौर के सातों ही फ्लाय ओव्हर ब्रिज के निर्माण को लेकर गंभीर है।
◆ *गिरजेश शर्मा, प्रभारी कार्यपालन यंत्री, लोनिवि ब्रिज सेल इन्दौर।।*
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■ *स्वदेश इंदौर व तत्पर मप्र।।*
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