दो मिनट में जानें राज्यसभा में बहस के दौरान अब तक क्या हुआ


कनागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हो गया है। अब राज्यसभा में बुधवार को दिनभर से इस बिल पर बहस जारी है। सत्ता पक्ष इसके समर्थन में तर्क रहा है, तो विपक्ष इसके खिलाफ। आइए जानें करीब छह घंटे की बहस की प्रमुख बातें  



  • गृहमंत्री अमित शाह ने बिल पेश करते हुए कहा कि यह मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। इससे यातना का जीवन जी रहे लोगों को मदद मिलेगी।

  • चार सांसदों की छुट्टी की वजह से राज्यसभा में बिल पास कराने के लिए बहुमत का आंकड़ा 119 हो गया। 

  • कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने विरोध करते हुए कहा, 'नागरिकता का मतलब भूगोल नहीं जन्म से होता है। यह संविधान की नींव पर हमला है।' 

  • आनंद शर्मा ने तंज कसा-अगर सरदार पटेल मोदी जी से मिलेंगे तो वे उनसे बहुत नाराज होंगे, गांधी जी भी जरूर उदास होंगे। 

  • टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि विधेयक स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा। असल में यह जिन्ना की कब्र पर दर्ज होगा।'

  • अन्नाद्रमुक, जदयू, वाईएसआर कांग्रेस ने विधेयक का समर्थन किया। मगर टीआरएस कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर ने विधेयक का विरोध किया। 

  • पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि इसमें जिन देशों देशों को शामिल किया गया है श्रीलंका उनमें नहीं है। यह समझ से परे है। 

  • शिव सेना सांसद संजय राउत बोले, 'हमें हिंदुत्व और राष्ट्रवाद पर किसी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। जिस स्कूल में आप पढ़ते हो, हम उस स्कूल के हेड मास्टर हैं।' 

  • बसपा के सतीश चंद्र मिश्र ने कहा आप मुस्लिमों को बाहर रखकर अनुच्छेद 14 का विरोध क्यों कर रहे हो? 

  • कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल बोले—यह सिर्फ एक समुदाय पर हमला है। न मैं डरता हूं, न देश के नागरिक डरते हैं, न देश के मुसलमान डरते हैं। हम सिर्फ संविधान से डरते हैं।  

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  • वाईएसआर कांग्रेस के सांसद वी. विजयसाई रेड्डी ने सदन में कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक का समर्थन करती है। 

  • जनता दल सेक्युलर के सांसद डी कुपेंद्र रेड्डी ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि इससे देश की धर्मनिरपेक्ष पॉलिसी को झटका लगेगा।

  • गुलाम नबी आजाद ने कहा: अगर ये बिल सभी को मंजूर है तो विरोध क्यों हो रहा है। असम में आर्मी मार्च क्यों हो रहा है। प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई क्यों हो रही है। 

  • रविशंकर प्रसाद ने कहा- कानून विभाग ने बिल देखा है। बिल संवैधानिक है। सदन सभी विषयों पर कानून बना सकता है। ये बिल कहता है कि छह देशों के नागरिकों को हमारे देश में नागरिकता दी जा सकती है। 

  • अमित शाह ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि वे कमरा बंद कर के अपनी आत्मा के साथ संवाद कीजिए। उन्होंने कहा कि विभाजन धर्म के आधार पर हुआ, वो सबसे बड़ी भूल थी। अगर देश का विभाजन धर्म के आधार पर न होता, तो यह नौबत नहीं आती। दो मिनट में जानें राज्यसभा में बहस के दौरान अब तक क्या हुआ